पुष्कर में होने वाले शत गायत्री अनुष्ठान हेतु ब्राह्मण आएं आगे: स्वामी प्रखर जी महाराज

अलीगढ़ न्यूज़: सनातन धर्म प्रचारक एवं विश्व विख्यात संत यज्ञ सम्राट अनंत श्री विभूषित स्वामी श्री प्रखर जी महाराज के अलीगढ आगमन पर उनके अनुयायियों ने बड़े धूम धाम के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने अपने परिकर के साथ अकराबाद टोल पर पहुँच कर पूज्य महाराज जी का माल्यार्पण किया और पुष्प वर्षा कर माला पहनायी।
आगरा रोड स्थित राधावन में हुए विप्र सम्मेलन में अपने आशीर्वचन के माध्यम से उन्होंने अपनी आगामी रणनीति के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में विविध प्रकार के उपद्रवों से भय, अशान्ति एवं आतंकवाद का बातावरण सर्वत्र व्याप्त है। भय युक्त अशान्त वातावरण से धर्मधान सज्जन भी आयनस भयभीत व विचलित हैं, क्योंकि जिस प्रकार से सनातन धर्म को कुठप्राधात पहुंचाने का कुर्वसित प्रयत्न किया जा रहा है, उससे समस्त सनातन धर्मी व्यथित हैं एवं कब-कहाँ-क्या हो जाए इस बात को लेकर हर समय संशय में रहते हैं, जिसका उदाहरण कुछ समय पूर्व बाग्लादेश का घटनाक्रम है, हिन्दुस्तान में भी ऐसे घटनाक्रम यदा-कदा दिखाई दे रहे हैं।
यह अत्यंत गहन चर्चा का विषय है, अब भगवती माता गायत्री की प्रेरणा से भारत सहित सम्पूर्ण विश्व को आतंकवाद, अशान्ति व विविध उपद्रयों से मुक्त कराने तथा भारत राष्ट्र में सनातन धर्म की रक्षा व पुनर्स्थापना हेतु शत (100) गायत्री पुरवरण महायज्ञ का विराट आयोजन 400 त्रिकाल सन्ध्यावन्दन तत्पर कर्मनिष्ठ बाह्मणों द्वारा गायत्री शक्तिपीड ब्रह्मतीर्थ पुष्कर में सम्पन्न होने जा रहा है। एक पुरश्चरण में 24 लाख गायत्री मन्त्रों का जप होता है, अतः 1000 पुरश्चरण में 24 करोड़ गायत्री मन्त्रों का जप होगा, जिसके दशांश हवन होगा। इस प्रकार इस महायज्ञ में कुल 17 करोड़ गायत्री मन्त्रों का प्रयोग होगा। इस यज्ञ हेतु यज्ञशाला में 200 यज्ञ कुण्डों का निर्माण होगा जिसमें 200 भाम्यशाली ब्राह्मण यजमान भाग लेंगे। पूर्वकाल में भी महामुनि विश्वामित्र जी ने सृष्टि क्रम के परिवर्तन हेतु शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ पुष्कर तीर्थ में किया था, जिसके फलस्वरूप विश्व सृष्टि में परिवर्तन किस प्रकार आया, वह हमें पुराणों में मुनि विश्वामित्र जी के चरित्र से प्राप्त होता है।
शहर के संत स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि अलीगढ महानगर केवल तालों के लिए ही नहीं अपितु धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है,धर्म ध्वजा स्थापित किये हुए हमारे परम शिष्य स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में निश्चित ही इस विशाल आयोजन के लिए विप्र लोग आगे आएंगे।
स्वामी श्री प्रखर जी महाराज के कृपापात्र एवं वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने कहा कि पूज्य महाराज श्री द्वारा शिक्षा, चिकित्सा एवं भोजन के साथ अनेकों विशाल यज्ञ के माध्यम से संस्कृति,संस्कार धर्म एवं विप्र जनों का संरक्षण निरंतर किया जा रहा है तथा सनातन के प्रचार प्रसार में निरंतर ऊर्जान्वित होकर धर्म पताका फहरा रहे हैं,इस अवस्था में भी इतने ऊर्जावान होकर हमें सदैव मार्गदर्शन देने वाले पूज्य गुरु जी जिनकी कृपा हम सबके ऊपर सदैव देखने को मिलती है। इस शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ से जो शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा माझी शक्ति सृजित होगी, उससे भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के धर्मविरुद्ध आचरण करने बालों का मन अवश्य परिवर्तित होगा, परिणाम स्वरुप यह स्वतः ही सनातनी बन जाएंगे। विप्रजनों का जीवन धन तो गायत्री माता ही है, अतः महामुनि विश्वामित्र के पश्चात पुनः पुष्कर तीर्थ में अनुष्ठित होने वाले इस महायज्ञ में पधारे तथा यथा सामर्थ्य तन, मन एवं धन की सेवा के साथ अपनी उपस्थिति अवश्य सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ प्रवीन उपाध्याय, प्रेम जी भागवत, सतीश गौड़, कपिल शर्मा, पी सी शर्मा, गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, रवि शास्त्री, शिवम् व्यास, हितेंद्र उपाध्याय बंटी, चेतन शर्मा, गिरिजा शंकर शर्मा, डी डी शर्मा, दिनेश शर्मा,चंद्र शेखर शर्मा, डॉ अंजुला भार्गव, नितिन मिश्रा, गिरिराज भारद्वाज, तेजदत्त भारद्वाज, नारायण सारस्वत, खगेंद्र शास्त्री, शिवनारायण शर्मा, वाई के शर्मा, मुकेश पालीवाल, विकास शर्मा, एस बी शर्मा, मधुर मिश्रा, राकेश पाठक, शिव कुमार गौड़, राजवीर शर्मा, नीलेश उपाध्याय, प्रमेन्द्र गौतम, आर के शर्मा, पुनीत पालिबाल, उमेश चंद्र शर्मा, राजकुमार पचौरी, अरविन्द सरस्वत दिनेश पंडित, प्रभा शर्मा, याशू शर्मा, विवेक उपाध्याय, दिनेश चंद्र शर्मा, राम अवतार शर्मा, गौरव भारद्वाज, पवन तिवारी, वृजेंद्र वशिष्ट, रिषभ भारद्वाज, उमेश पंडित, परम किशोर शर्मा, प्रेम शंकर शर्मा,आदि विप्रजन उपस्थित रहें।